मैं क्या चाहती हूँ यह जरूरी नहीं है, जरूरी यह है कि तुम क्या चाहती हो मैं क्या चाहती हूँ यह जरूरी नहीं है, जरूरी यह है कि तुम क्या चाहती हो
दोनों भाइयों ने बताया कि वे इंसानी मांस खाने के लिए कब्रिस्तान जाते थे. दोनों भाइयों ने बताया कि वे इंसानी मांस खाने के लिए कब्रिस्तान जाते थे.
आवाज आग भी तो हो सकती है आवाज आग भी तो हो सकती है
मेरे आत्मविश्वास में ही ईश्वर बसा हुआ है, मेरा जवाब मेरे बाहर नहीं मेरे भीतर ही मिलेगा। मेरे आत्मविश्वास में ही ईश्वर बसा हुआ है, मेरा जवाब मेरे बाहर नहीं मेरे भीतर ही ...
अब और नहीं जीना इस दुखिया संसार में, अपने पास बुला लो, यहाँ कोई किसी का नहीं...? सब नाते-रिश्ते झूठे... अब और नहीं जीना इस दुखिया संसार में, अपने पास बुला लो, यहाँ कोई किसी का नहीं...?...
हंसकर सबके सामने अकेले में रो लेती हूँ। मेरे मन की आवाज हंसकर सबके सामने अकेले में रो लेती हूँ। मेरे मन की आवाज